कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर को कम करने और हर्ड इम्यूनिटी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इन दिनों देश में टीकाकरण जोरों पर है। देश में कोविशील्ड और कोवैक्सीन का टीकाकरण पहले से जारी है और रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी को भी मंजूरी मिल चुकी है। जानिए सभी वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स।कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप को कम करने के लिए भारत में अब विदेशों से भी वैक्सीन की आपूर्ति हो रही है। क्योंकि इन दिनों भारत में कोविड से हालात बहुत बुरे हो चुके हैं और अब विदेशी से भी मदद की जा रही है। कोवैक्सीन (Covaxin) और कोविशील्ड (Covishield) (ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेंजेनका) के बाद अब रूस की स्पूतनिक वी (Sputnik V) को भी देश में अप्रूवल मिल चुका है। कोविड के खिलाफ 19% कारगर है स्पूतनिक वी ड्रग्स कॉम्पट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Comptroller General of India) (DGCI) ने रूस में आयोजित क्लीनिकल ट्रायल्स रिजल्ट के बेस ही स्पूतनिक वी वैक्सीन को इमरजेंसी मंजूरी दी है। ट्रायल्स में पाया गया कि स्पूतनिक वी कोविड 19 के खिलाफ 91.6% प्रभावी (Efficacy) है और इसके गंभीर लक्षणों को रोकने में कारगर है। वहीं दूसरी ओर स्पूतनिक वी (Sputnik V) की तुलना में भारत की कोवैक्सीन (Covaxin) को 81 प्रतिशत प्रभावी बताया जा रहा है, जिसे हाल ही में यूके के वैरिएंट वायरस के खिलाफ बेअसर होना पाया गया है। जबकि वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल की जा रही कोविशील्ड में 70.4% से अधिक प्रभावी बताई जा रही है, जिसे 90% तक बढ़ाया जा सकता है। वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स क्या – क्या है? एक्सपर्ट्स के अनुसार, कोई भी वैक्सीन जो चाहे ट्रेडिशनल तरीके से तैयार की गई हो या फिर एमआरएनए मॉडल (mRNA model) से बनाई गई हो, वह हर तरह से असरदार होती है। या कहें कि उसके लगने के बाद शरीर में कुछ इम्यून जेनेटिक इफेक्ट्स तो होते ही हैं, जो कि उसका स्वभाव है। वैक्सीन लगने के बाद होने वाले दुष्प्रभावों (side-effects) कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं। वैक्सीनेट होने के बाद हर व्यक्ति के साइड इफेक्ट्स एक दूसरे से भिन्न हो सकते हैं। टीकों के साइड इफेक्ट्स में भी थोड़ा बहुत ही अंतर होता है। वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के बारे में जानकारी होने का फायदा वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के बारे में उचित जानकारी होने पर आपको डोज लेने में मदद मिलती है और क्योंकि इसके लिए पहले से ही पूरी तरह से तैयार रहते हैं और आप अपने मर्ज को ध्यान में रखकर टीकाकरण करा सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति में खून के थक्के (Blood clots) बन रहे हों और वो एंटीकोगुलेंट का प्रयोग कर रहा हो तो उसके लिएटीकाकरण कराना सबसे बेहतर हो सकता है। खासकर, उस समय जब आपके पास अपनी पसंद का टीका चुनने का भी अवसर होता है। ऐसे समय में जो लोग स्पूतनिक वी वैक्सीन लगवाने का इंतजार कर रहे हैं तो यहां एक हम आपको इस बात की जानकारी दे रहे हैं कि कैसे रूसी वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवैक्सिन से अलग साइड इफेक्ट्स रखती है। कोविशील्ड के क्या – क्या साइड इफेक्ट्स है? ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका कोविशील्ड वैक्सीन का एफिकेसी रेट 70 प्रतिशत है और इसका प्रयोग लगभग 62 से ज्यादा देशों में हो रहा है। कुछ लोगों में इसका डोज लेने के बाद खून के थक्के बनने की रिपोर्ट्स आई हैं लेकिन स्टडीज से पता चला है कि कोविशील्ड एक प्रभावशाली वैक्सीन है। कुछ लोगों को इससे न्यूरोलॉजिकल से जुड़ी दिक्कत का सामना भी करना पड़ा है। ये वैक्सीव भी कोवैक्सीन की तरह ही असरदार है। स्पूतनिक वी के क्या – क्या साइड इफेक्ट्स है? गेमलेया नेशनल सेंटर ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी, रूस (Gameleya National Centre of Epidemiology and Microbiology, Russia) द्वारा विकसित स्पूतनिक वी पहले रजिस्टर्ड की गई कोरोनावायरस वैक्सीन में से एक थी जो विश्व स्तर पर उपयोग के लिए अधिकृत (authorized) थी। वायरल वेक्टर वैक्सीन एंटीबॉडी को ट्रिगर करके प्रभाव दिखाती है और इसलिए इससे शरीर के हिस्सों में सूजन भी हो सकती है। फरवरी 2021 में प्रकाशित एक लैंसेट स्टडी के अनुसार, स्पूतनिक वी के साइड इफेक्ट्स में कुछ इस तरह से हैं। सिरदर्द (Headache), बिना वजह थका हरा हारा महसूस होना या थकावट (Fatigue), शरीर के जिस भाग में वैक्सीन इंजक्ट की गई है वहां दर्द होना और बुखार जैसे सामान्य लक्षण हैं। स्पूतनिक वी में नहीं दिखे गंभीर दुष्रभाव इस वैक्सीन को लेकर अभी तक कोई गंभीर साइड इफेक्ट सामने नहीं आए हैं। लैंसेट में छपी रिपोर्ट के अनुसार, 19,866 वॉलेंटियर्स को Sputnik-V के दोनों डोज दिए गए थे, उनमें से सिर्फ 70 लोगों को ही गंभीर साइड इफेक्ट दिखे थे औक इनमें से भी 23 ऐसे थे जो प्लेसिबो ग्रुप से थे, यानी ये लोग ट्रायल में थे, लेकिन इन्हें वैक्सीन नहीं लगी थी। कोवैक्सीन के क्या – क्या साइड इफेक्ट्स है?कोवैक्सीन को भारत बायोटक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के साथ मिलकर डेवलप किया है। यह पारंपरिक तरीके से तैयार की गई है लिहाजा इसका प्रयोग काफी हद तक सेफ बताया जा रहा है। यही वजह है इससे साइड इफेक्ट भी बहुत कम होते हैं। इसमें इंजेक्शन साइट पर दर्द, बुखार, ठंड लगना, कंपकंपी, चक्कर आना मतली, सिर दर्द या पेट दर्ज जैसे साधारण देखने को मिल सकते हैं। हालांकि कोवैक्सीन में अभी तक कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं देखने को मिला है। |
|||||
Important Links |
|||||
Corona Vaccine Regestration (18+ Age) |
Click HereRegistration शुरू |
||||
Download Sarkariexam App |
Click Here |
||||
Download Official Notification |
Click Here |
||||
Official website |
Click Here |
||||
हिंदी में जानकारी के लिए |
यहां क्लिक करें |
||||
Download Sarkari Naukri Android App | |||||
Join Sarkari Exam on Facebook | |||||
Job Alert on Email |
Note: All informations like net worths, obituary, web series release date, health & injury, relationship news & gaming or tech updates are collected using data drawn from public sources ( like social media platform , independent news agency ). When provided, we also incorporate private tips and feedback received from the celebrities ( if available ) or their representatives. While we work diligently to ensure that our article information and net worth numbers are as accurate as possible, unless otherwise indicated they are only estimates. We welcome all corrections and feedback using the button below.
Advertisement